1. प्रार्थी अपना आवेदन दिल्ली उच्च न्यायालय मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र के संयोजक सचिव को संबोधित एक लीगल साइज़ के कागज पर अपने एक पासपोर्ट साइज़ के फोटो एवं स्व-सत्यापित पहचान प्रमाण पत्र सहित स्वयं अथवा अधिवक्ता के द्वारा केंद्र के स्वागत पटल पर देगा|

आवेदन पर ई-मेल पते तथा दूरभाष संख्या के साथ दोनों पक्षकारों का पूर्ण पता वर्णित होगा|

यदि सभी पक्षकार संयुक्त रूप से निवेदन करते हैं तो प्रत्येक आवेदक का पासपोर्ट साइज़ फोटो तथा पचान प्रमाण पत्र की स्व-सत्यापित प्रति आवेदन के साथ दी जाएगी|

आवेदन में प्रार्थी(र्थियों) के विवाद का संक्षिप्त विवरण तथा सभी सम्बद्ध पक्षकारों का विस्तृत विवरण होगा|

  1. आवेदन के साथ मध्यस्थ की नियुक्ति हेतु सहमति रिकॉर्ड करने के लिए एक रु. 100/- (केवल सौ रूपये) का स्टाम्प पेपर भी दिया जाएगा|
  2. अनावेदकों को तामील हेतु पक्षकारों की संख्या के बराबर संख्या में आवेदन की प्रतियाँ प्रस्तुत की जायेंगी|
  3. आवेदक प्रशासनिक शुल्क के रूप में रु. 1,000/- (केवल एक हजार रूपये) आवेदन के साथ जमा करेगा|
  4. मध्यस्थ का शुल्क फिलहाल रु. 20,000/- (केवल बीस हज़ार रूपये) निर्धारित है जो किसी भी पक्षकार द्वारा संयुक्त रूप से अथवा एकल रूप से देय है|  वह पक्षकारों द्वारा मध्यस्थ/सुलह्कर्त्ता की नियुक्ति हेतु सहमति के पश्चात तुरंत जमा किए जाएँगे|
  5. पक्षकार एक साथ अथवा एकल रूप से, मध्यस्थता केंद्र के प्रयोग हेतु रु. 500/- (केवल पांच सौ रूपये) का शुल्क प्रत्येक बैठक हेतु जमा कराएँगे|

उपरोक्त खंड 4, 5 तथा 6 में वर्णित राशि(यां) नकद अथवा महानिबंधक, दिल्ली उच्च न्यायालय के पक्ष में आहरित पे आर्डर/डिमांड ड्राफ्ट द्वारा जमा की जाएँगी जिसके लिए केंद्र द्वारा एक रसीद दी जाएगी|

  1. यदि पक्षकारों के बीच फैंसला हो जाता है तो “समन्वयित समझौता करारनामा” की शर्तें दर्ज करने हेतु एक रु. 100/- (केवल सौ रूपये) का स्टाम्प पेपर जमा किया जाएगा|
  2. “समन्वयित समझौता करारनामा”, यदि हो, पर सभी पक्षकारों की पासपोर्ट साइज़ की स्व-सत्यापित फोटो लगाई जाएगी|
  3. सभी पक्षकारों का स्व-सत्यापित पहचान प्रमाण पत्र भी “समन्वयित समझौता करारनामा”, यदि हो, के साथ लगाया जाएगा|
  4.  “समन्वयित समझौता करारनामा” के अंतिम पृष्ठ पर पर सभी हस्ताक्षरकर्त्ताओं के हस्ताक्षर के साथ-साथ अंगूठा-निशान भी लिया जाएगा तथा अंगूठा-निशान के सही संकेत के साथ यानि दांया अंगूठा-निशान (RTI) अथवा बांया अंगूठा-निशान (LTI) जैसा भी मामला हो उस व्यक्ति के नाम के साथ परिवृत्त किया जाएगा जिसका अंगूठा-निशान लिया गया है|
  5. “समन्वयित समझौता करारनामा” की सत्यापित प्रतियां इसके निष्पादन के एक सप्ताह के पश्चात ली जा सकती हैं|  “समन्वयित समझौता करारनामा” की प्रतियां पक्षकारों को और/अथवा  उनके अधिवक्ता को केवल एक बार निःशुल्क दी जाएँगी|  तत्पश्चात प्रतियां, यदि आवश्यकता हो, तो रु. 5/- (केवल पांच रूपये) प्रति पेज तथा रु. 50/- (केवल पचास रूपये) प्रोसेसिंग शुल्क के भुगतान पर दी जाएगी|  यह आवेदन के पश्चात तीन कार्य दिवसों में उपलब्ध कराई जाएगी|
  6. किसी विशेषज्ञ/मनोवैज्ञानिक/सलाहकार की आवश्यकता की दशा में इनकी नियुक्ति पक्षकारों की लिखित सहमति के पश्चात ही की जाएगी| ऐसे विशेषज्ञ/मनोवैज्ञानिक/सलाहकार की प्रत्येक उपस्थिति हेतु पक्षकार संयुक्त रूप से/अलग-अलग रु. 3,000/- (केवल तीन हजार रूपये) जमा करने के दायी होंगे|